Noida International Airport: देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने की ओर, 9 दिसंबर को पहली व्यावसायिक उड़ान का परीक्षण
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Noida International Airport: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जल्द ही देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट के रूप में उभरेगा। इस एयरपोर्ट की लंबी यात्रा की शुरुआत 9 दिसंबर को एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंची, जब पहली व्यावसायिक उड़ान एयरपोर्ट की रनवे पर लैंड करेगी। एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि इस उड़ान का परीक्षण डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) से हरी झंडी मिलने के बाद किया जा रहा है। सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं और पहले यह उड़ान सोमवार को सुबह 11 बजे लैंड होने वाली थी, लेकिन अब इसे फिर से रेसिड्यूल किया गया है और अब यह उड़ान 2 बजे लैंड होगी।
परीक्षण प्रक्रिया की शुरुआत
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अधिकारियों के अनुसार, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया का विमान इस एयरपोर्ट पर लैंड करेगा। यह परीक्षण प्रक्रिया रनवे पर विमान की लैंडिंग और टेकऑफ़ के जरिए पूरी की जाएगी। परीक्षण प्रक्रिया 9 दिसंबर से शुरू होकर 15 दिसंबर तक चलेगी। इसके अंतर्गत विमान के सभी उड़ान प्रक्रियाओं की जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एयरपोर्ट पर व्यावसायिक उड़ानों की शुरूआत के लिए सभी सुविधाएँ और सुरक्षा मानक सही हैं।
वाणिज्यिक सेवा की शुरुआत
अधिकारियों ने बताया कि इस परीक्षण प्रक्रिया के बाद, डीजेसीए से एयरपोर्ट के एरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा। अगर परीक्षण सही तरीके से चलता है, तो अनुमान है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से वाणिज्यिक उड़ानें 17 अप्रैल 2025 से शुरू हो सकती हैं। एयरपोर्ट पर CAT-1 और CAT-3 उपकरण लगाए गए हैं, जो धुंध के दौरान विमान की ऊँचाई और दृश्यता के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। साथ ही, एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) भी लगाया गया है, जिसे 10 से 14 अक्टूबर तक विमान Beech King Air 360 ER के जरिए परीक्षण किया गया था।
कहाँ-कहाँ जाएँगी उड़ानें?
नोएडा एयरपोर्ट से अप्रैल 2025 में 60 घरेलू उड़ानें शुरू होने की संभावना है। इसके लिए इंडिगो और आकाश जैसी प्रमुख एयरलाइनों के साथ अनुबंध किए गए हैं। इन उड़ानों में प्रमुख शहरों जैसे लखनऊ, अहमदाबाद, वाराणसी, चेन्नई, जयपुर, हैदराबाद, मुंबई, आदि के लिए उड़ानें शामिल होंगी। इसके अलावा, दो कार्गो सेवाएँ और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें भी शुरू की जाएंगी, जिनमें स्विट्जरलैंड के ज्यूरिक, सिंगापुर और दुबई जैसे प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय गंतव्य शामिल होंगे।
भारतीय संस्कृति की झलक
नोएडा एयरपोर्ट के टर्मिनल भवन की डिज़ाइन में भारतीय संस्कृति को प्रमुख स्थान दिया गया है। टर्मिनल भवन के डिज़ाइन में काशी के घाटों से प्रेरित सीढ़ियाँ, गंगा नदी की लहरों से प्रेरित छत, प्राचीन वास्तुकला की झलक दिखाने वाले आंगन और हवा को अंदर आने देने वाली जालीदार खिड़कियाँ शामिल हैं। इसके अलावा, एक पांच सितारा होटल का भी निर्माण किया जा रहा है, जो यात्रियों के लिए आरामदायक ठहरने की सुविधा प्रदान करेगा।
एयरपोर्ट की सुविधाएँ और विकास
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण केवल एक एयरपोर्ट तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास का एक बड़ा केंद्र बनेगा। एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्रों में आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाएँ भी चल रही हैं, जो क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देंगी। नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्रों में इस एयरपोर्ट के चलते यातायात, रोजगार और व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है।
नोएडा एयरपोर्ट का यह प्रोजेक्ट अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार किया जा रहा है, जिससे यह एयरपोर्ट यात्रियों के लिए एक समग्र और सहज अनुभव प्रदान करेगा। यहाँ की सुविधाएँ एयरलाइन यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार की जा रही हैं, जिससे यह एयरपोर्ट न केवल भारतीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए भी एक आदर्श बन सके।
पर्यावरणीय पहल
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण में पर्यावरणीय संरक्षण को भी प्राथमिकता दी गई है। एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र में हरियाली बढ़ाने, जल संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई उपाय किए गए हैं। साथ ही, एयरपोर्ट परिसर में सौर ऊर्जा जैसी नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों का भी उपयोग किया जाएगा, जिससे यह एक पर्यावरणीय दृष्टि से टिकाऊ और भविष्य के लिए उपयुक्त एयरपोर्ट बने।
सरकार और निजी क्षेत्र का सहयोग
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण एक सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP) परियोजना के तहत किया जा रहा है। इस परियोजना में केंद्रीय और राज्य सरकारों के साथ-साथ निजी कंपनियाँ भी शामिल हैं। निजी कंपनी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) इस एयरपोर्ट के विकास और संचालन की जिम्मेदारी निभा रही है। इसका उद्देश्य न केवल यात्रियों के लिए एक आधुनिक एयरपोर्ट बनाना है, बल्कि यह भारतीय विमानन क्षेत्र को एक नई दिशा देने का भी प्रयास है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक घटना है। इस एयरपोर्ट का निर्माण ना केवल एक अत्याधुनिक यात्री हब बनने के लिए किया जा रहा है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, पर्यावरणीय संरक्षण और क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा देगा। 9 दिसंबर को आयोजित होने वाली पहली व्यावसायिक उड़ान की शुरुआत के साथ, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण भारतीय विमानन उद्योग में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। अगर परीक्षण प्रक्रिया समय पर पूरी होती है, तो यह एयरपोर्ट 2025 से वाणिज्यिक उड़ानों का संचालन शुरू कर देगा और भारतीय विमानन क्षेत्र के सबसे बड़े एयरपोर्ट के रूप में उभरकर सामने आएगा।